[1] चीगोंग - मानव शरीर की साधना में प्रयोग होने वाली पध्दतियों के लिए उर्पयुक्त शब्द। वर्तमान में चीगोंग क्रियाएं चीन में बहुत लोकप्रिय हुई हैं। नोट: यह और इसके बाद के सभी नोट अनुवादक के हैं.
[2] फालुन गोंग - ''धर्म चक्र चीगोंग'', फालुन गोंग और फालुन दाफा दोनों का प्रयोग इस प्रणाली के लिए होता है।
[3] फालुन - ''धर्म चक्र''
[4]गोंग - ''साधना शक्ति''
[5] नाड़ी - शरीर में शक्ति वाहिकाओं का जाल जिनमें ची का प्रवाह होता है। पारंपरिक चीनी वैद्यों के अनुसार रोग तभी उत्पन्न होता है जब नाड़ियों में ची का प्रवाह अबरुध्द हो जाता है।
[6] तान जिंग, ताओ जांग - साधना के लिए प्राचीन चीनी ताओ धर्म ग्रंथ।
[7] त्रिपिटक - पाली भाषा में बौध्द धर्म ग्रंथ।
[8] अरहत - बुध्द विचारधारा में एक ज्ञान प्राप्त व्यक्ति जो त्रिलोक से परे हैं किन्तु बोधिसत्व से निम्न हैं।
[9] तांग राजवंश - चीन के इतिहास में एक समृध्द काल (618-907 ए.डी.)।
No comments:
Post a Comment