Monday, 30 June 2014

[1] चीगोंग - मानव शरीर की साधना में प्रयोग होने वाली पध्दतियों के लिए उर्पयुक्त शब्द। वर्तमान में चीगोंग क्रियाएं चीन में बहुत लोकप्रिय हुई हैं। नोट: यह और इसके बाद के सभी नोट अनुवादक के हैं.
[2] फालुन गोंग - ''धर्म चक्र चीगोंग'', फालुन गोंग और फालुन दाफा दोनों का प्रयोग इस प्रणाली के लिए होता है।
[3] फालुन - ''धर्म चक्र''
[4]गोंग - ''साधना शक्ति''
[5] नाड़ी - शरीर में शक्ति वाहिकाओं का जाल जिनमें ची का प्रवाह होता है। पारंपरिक चीनी वैद्यों के अनुसार रोग तभी उत्पन्न होता है जब नाड़ियों में ची का प्रवाह अबरुध्द हो जाता है।
[6] तान जिंग, ताओ जांग - साधना के लिए प्राचीन चीनी ताओ धर्म ग्रंथ।
[7] त्रिपिटक - पाली भाषा में बौध्द धर्म ग्रंथ।
[8] अरहत - बुध्द विचारधारा में एक ज्ञान प्राप्त व्यक्ति जो त्रिलोक से परे हैं किन्तु बोधिसत्व से निम्न हैं।
[9] तांग राजवंश - चीन के इतिहास में एक समृध्द काल (618-907 ए.डी.)।
[10] बनती - मूल शरीर, इस आयाम तथा अन्य आयामों का शरीर।
[11] ची - ''प्राण शक्ति'', ऐसा माना जाता है कि यह मनुष्य का स्वास्थ्य निर्धारित करती है।
[12] ची - इसमें चीनी भाषा का दूसरा अक्षर प्रयोग होता है किन्तु बोला एक समान जाता है।
[13] शिनशिंग - मन या हृदय की प्रकृति, सदाशीलता।
[14] तान - साधक के शरीर में दूसरे आयामों से एकत्रित शक्ति पुंज।
[15] ताओ विचारधारा में बाह्य रासायनिक प्रक्रियाओं को शरीर की आंतरिक साधना को समझाने के लिए मुहावरे की तरह किया जाता है।
[16] शानगन बिन्दु - दोनों भौहों के बीच थोड़ा नीचे स्थित एक एक्यूपंक्चर बिन्दु।
[17] 'ची' का प्रयोग उन पदार्थों का वर्णन करने के लिए भी किया जा सकता है जो अदृष्य और पारदर्षी हैं, जैसे वायु, गंध, क्रोध, आदि।
[18] प्राचीन काल में चीनी औषधियों के कुछ प्रसिध्द चिकित्सक।
[19] चीनी चिकित्सा में, नब्ज़ का निरीक्षण एक जटिल और महत्वपूर्ण भाग है।
[20] छाओ छाओ - तीन राजवंशों (220-265 ए.डी.) के काल का एक सम्राट।
[21] फोआ-तोआ - ''बुध्द''
[22] चहाई - एक प्रमुख चीनी शब्दकोश
[23] महान सांस्कृतिक क्रान्ति - चीन में एक कम्यूनिष्ट राजनैतिक आंदोलन जिसमें पारंपरिक मूल्यों और संस्कृति की आलोचना की गई (1966-1976).
[24] शाक्यमुनि - बुध्द शाक्यमुनि
[25] समाधि - बौध्द ध्यान अवस्था
[26] धर्म - धम्म। इसे चीन में फा कहते हैं।
[27] महायान - बुध्दमत की एक शाखा
[28] तथागत - बुध्द विचारधारा में एक ज्ञान प्राप्ति का स्तर जो अरहट और बोधिसत्व से ऊंचा है।
[29] बोधिसत्व - बुध्द विचारधारा में ज्ञान प्राप्ति का यह स्तर अरहट से ऊंचा किन्तु तथागत से कम है।
[30] शिन जियांग - चीन के उत्तर पश्चिम में एक राज्य।
[31] हान क्षेत्र - इसमें चीन के मध्य के क्षेत्र सम्मिलित हैं (जैसे तिब्बत आदि)।
[32] हवे चांग - तांग राजवंश (841-846) के समय में सम्राट वू जोंग का काल।
[33] तानत्येन - ''तान का श्क्ति क्षेत्र'', यह उदर के निचले भाग में होता है।

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